मुक्तक
मुक्तक – –
भोर से पहले आ पहुँचा घर-घर ये प्यारा हुड़दंग।
सबके मुखों पर लिपटा है लाल गुलाबी पीला रंग।।
होली आई प्रेम नेह की भूलो बैर शत्रुता को,
खुशियों का त्यौहार मनाएं हर हृदय में भरें उमंग।।
रंजना माथुर
अजमेर राजस्थान
मेरी स्वरचित व मौलिक रचना
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