मुक्तक
खोटे सिक्कों का बाजार फल फूल रहा हर रोज यहाँ ।
विश्वास करे किसके ऊपर तिमिर भरा हर दिवस यहाँ ।
इतना लाचार कभी नहीं देखा मनु की संतानों को ,
सत्य पंगु हो बैठा रहता ,,हंसी उडाए झूठ यहाँ ।।
सतीश पाण्डेय
खोटे सिक्कों का बाजार फल फूल रहा हर रोज यहाँ ।
विश्वास करे किसके ऊपर तिमिर भरा हर दिवस यहाँ ।
इतना लाचार कभी नहीं देखा मनु की संतानों को ,
सत्य पंगु हो बैठा रहता ,,हंसी उडाए झूठ यहाँ ।।
सतीश पाण्डेय