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5 Jun 2023 · 1 min read

मुक्तक

खोटे सिक्कों का बाजार फल फूल रहा हर रोज यहाँ ।
विश्वास करे किसके ऊपर तिमिर भरा हर दिवस यहाँ ।
इतना लाचार कभी नहीं देखा मनु की संतानों को ,
सत्य पंगु हो बैठा रहता ,,हंसी उडाए झूठ यहाँ ।।
सतीश पाण्डेय

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