मुक्तक
एक मुक्तक
कलम तुम देश से कहना समय बलिदान का है अब ।
लगा दो जान क़ी बाजी प्रश्न सम्मान का है अब ।।
लजाओ दूध न माँ का शपथ है मातृभूमि की ।
करो बस सामना रण में बात बस मान की है अब ।।
सतीश पाण्डेय
एक मुक्तक
कलम तुम देश से कहना समय बलिदान का है अब ।
लगा दो जान क़ी बाजी प्रश्न सम्मान का है अब ।।
लजाओ दूध न माँ का शपथ है मातृभूमि की ।
करो बस सामना रण में बात बस मान की है अब ।।
सतीश पाण्डेय