मुक्तक
मुक्तक
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मूल के चक्कर में,तेरा समूल नष्ट हो जायेगा।
आपसी प्रेम से ही , जन कल्याण हो पाएगा।
अगर लगे, तू ही महान है, तुझमें महाज्ञान है;
तो छोड़ दो बैशाखी,मूलनाम याद न आएगा।
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स्वरचित सह मौलिक;
….✍️पंकज कर्ण
…कटिहार(बिहार)