मुक्तक
बाहों में आसमान भर लेना
हौसलों से उड़ान भर लेना
चोरी करके पड़ोसियों के यहाँ
अपनी सारी दुकान भर लेना
प्रीतम श्रावस्तवी
बाहों में आसमान भर लेना
हौसलों से उड़ान भर लेना
चोरी करके पड़ोसियों के यहाँ
अपनी सारी दुकान भर लेना
प्रीतम श्रावस्तवी