मुक्तक
मुक्तक
इष्ट नाम की जिसने पी ली,एक बार पावन हाला।
जीवन की मादकता छूटी,अमर हुआ उसका प्याला।
बनकर प्रेम पुजारी बैठे, मन में दूषित भाव लिए,
सच्चा प्रेमी यदि मिल जाए,कर दे तन-मन मतवाला।।
-डाॅ.बिपिन पाण्डेय
मुक्तक
इष्ट नाम की जिसने पी ली,एक बार पावन हाला।
जीवन की मादकता छूटी,अमर हुआ उसका प्याला।
बनकर प्रेम पुजारी बैठे, मन में दूषित भाव लिए,
सच्चा प्रेमी यदि मिल जाए,कर दे तन-मन मतवाला।।
-डाॅ.बिपिन पाण्डेय