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20 Jan 2023 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

कुछ यादों के झीने परदे, कुछ यादें बाकी हैं
सांसों के इस महासमर में, कुछ बातें बाकी हैं
उठा रक्खा है सिर पर देखो, ये चींटी पहाड़ सा
पूछ रही हैं सदियां हमसे, क्या रातें बाकी हैं।।

सूर्यकांत

Language: Hindi
335 Views
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