मुक्तक
प्रतिदिन देखो इस दुनिया की, तस्वीर बदलती रहती है ।
लोगों के हाथों की अक्सर, तकदीर बदलती रहती है ।
जग में प्यासे कंठ भटकते, सरिताओं ने राहें बदलीं –
समय-समय पर हृदयों की भी, अब पीर बदलती रहती है ।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी
प्रतिदिन देखो इस दुनिया की, तस्वीर बदलती रहती है ।
लोगों के हाथों की अक्सर, तकदीर बदलती रहती है ।
जग में प्यासे कंठ भटकते, सरिताओं ने राहें बदलीं –
समय-समय पर हृदयों की भी, अब पीर बदलती रहती है ।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी