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7 Mar 2022 · 1 min read

मुक्तक

काँप गयी रूह जब ऐसा मंजर देखा
अपनों के ही पास मिला खंजर देखा
हाथों में न कोई तीर,कमान न औजार था
रीसते रक्त पर नमी आँखो की बंजर देखा

-अर्चना शुक्ला”अभिधा”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 274 Views
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