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27 Nov 2021 · 1 min read

मुक्तक

एक अनजान मुसाफिर से राह में पहचान हो गई
बातों बातों में ही सही उनसे जान पहचान हो गई
चलते चलते कहीं दूर निकल आये थे हम दोनों
दोनों की मंज़िल एक और डगर अनजान हो गई

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 552 Views
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