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3 Nov 2021 · 1 min read

मुक्तक

हम भला रूकते कहाँ राहों में पत्थर देखकर,
क्यूँ तुम्हें तकलीफ़ होती हाल बेहतर देखकर
जब ज्योति ने की हर हाल में जलने की ज़िद
आँधियों ने अपने पाँव खींचे है तेवर देखकर,,

Language: Hindi
2 Likes · 269 Views
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