मुक्तक
सब के बस की बात नहीं जीना भी इक फ़न होता है,
अंतरमन में झाँक के देखें, मन में इक दरपन होता है,
पूरा भारत ही लगता है ऐसा, जैसे मेरा घर आँगन है
जग में तेरा मेरा क्या ईश्वर का दिया सब धन होता है
सब के बस की बात नहीं जीना भी इक फ़न होता है,
अंतरमन में झाँक के देखें, मन में इक दरपन होता है,
पूरा भारत ही लगता है ऐसा, जैसे मेरा घर आँगन है
जग में तेरा मेरा क्या ईश्वर का दिया सब धन होता है