मुक्तक
तेरे दीदार को एक जमाना हो गया है!
चाहत का जूनून भी पुराना हो गया है!
जिन्दगी भटकी हुई है दर्द की राहों में,
रश्म और वफाओं को निभाना हो गया है!
#महादेव_की_कविताऐं'(25)
तेरे दीदार को एक जमाना हो गया है!
चाहत का जूनून भी पुराना हो गया है!
जिन्दगी भटकी हुई है दर्द की राहों में,
रश्म और वफाओं को निभाना हो गया है!
#महादेव_की_कविताऐं'(25)