मुक्तक
कुछ लोग भी बहुत अज़ीब होते हैं,
समंदर में खुद ही कश्तियाँ डुबोते हैं,
दिखता है कि ख़ूँ बहा एक इंसान का
मगर कई किरदारों के क़त्ल होते हैं,,
कुछ लोग भी बहुत अज़ीब होते हैं,
समंदर में खुद ही कश्तियाँ डुबोते हैं,
दिखता है कि ख़ूँ बहा एक इंसान का
मगर कई किरदारों के क़त्ल होते हैं,,