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2 Oct 2021 · 1 min read

मुक्तक

बेजुबां शब्द हैं लेकिन बहुत कुछ बोल जाते हैं ,
छिपे दिल की गिरह के राज़ गहरे खोल जाते हैं,
कभी अंगार बन जाते, कभी तलवार बन जाते
कभी पुष्पों की ख़ुशबू सी हवा में घोल जाते हैं,,

Language: Hindi
255 Views

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