मुक्तक
एक ओर राष्ट्रभक्त और दूसरा गद्दार होगा
यह जंग है प्रहार होगा युद्ध आर पार होगा,
प्यार है जिसे धरा से वो मनुज नहीं डिगेगा
देशद्रोही झुण्ड में तो लोभ का व्यापार होगा
एक ओर राष्ट्रभक्त और दूसरा गद्दार होगा
यह जंग है प्रहार होगा युद्ध आर पार होगा,
प्यार है जिसे धरा से वो मनुज नहीं डिगेगा
देशद्रोही झुण्ड में तो लोभ का व्यापार होगा