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25 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

हमारे हर रीति रिवाजों पर वो अपना तो ज्ञान ना दें,
कन्यादान का अर्थ समझे बिन नाम कन्यामान ना दें,
निक़ाह अपनी ही बेटी से करने के इच्छुक बैठे थे जो
गिरेहबान में झाँके अपने हम पर ज़्यादा ध्यान ना दें,,

Language: Hindi
183 Views

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