मुक्तक
लेखनी ज्वाला की खंज़र की रवानी सी लगे,
लोग कहते हैं व्यथाओं की कहानी सी लगे,
क्रोध में अंगार सी लिखती कलम तलवार सी
शब्दों में डाले भावनाओं को ज़ुबानी सी लगे
लेखनी ज्वाला की खंज़र की रवानी सी लगे,
लोग कहते हैं व्यथाओं की कहानी सी लगे,
क्रोध में अंगार सी लिखती कलम तलवार सी
शब्दों में डाले भावनाओं को ज़ुबानी सी लगे