मुक्तक
मुश्किल की लौ में तपकर कुंदन बनकर दमकेंगे,
स्नेह कलश बन धरा गगन में हर हृदय से छलकेंगे,
अंधियारे को दूर भगाने,रोशन करने को यह धरती
आसमान के सूरज – सा हर घर आँगन में चमकेंगे,,
मुश्किल की लौ में तपकर कुंदन बनकर दमकेंगे,
स्नेह कलश बन धरा गगन में हर हृदय से छलकेंगे,
अंधियारे को दूर भगाने,रोशन करने को यह धरती
आसमान के सूरज – सा हर घर आँगन में चमकेंगे,,