मुक्तक
पिता हमारे रच देते हैं एक अछोर आकाश,
पालन- पोषण माँ करती ना लेती अवकाश,
माँ की ममता सागर सी पिता ज्ञान के दीपक
दोनों मिलके जीवनपथ में भर देते हैं प्रकाश
पिता हमारे रच देते हैं एक अछोर आकाश,
पालन- पोषण माँ करती ना लेती अवकाश,
माँ की ममता सागर सी पिता ज्ञान के दीपक
दोनों मिलके जीवनपथ में भर देते हैं प्रकाश