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17 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

मूक बधिर ना रह सकती ज्वाला तो मुँह खोलेगी,
शब्दों को हथियार बना हर ज़ेहन में ऊर्जा घोलेगी,
मौन, विवश की संगति से मुर्दों की बू आ जाती
बोल सके ना ज्वाला तब भी रचनाएँ तो बोलेंगी,,

Language: Hindi
241 Views
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