मुक्तक
” खुदा से डर नहीं है तो इबादत छोड़ ही दो तुम,
हटा लो तख्त से नज़रे शरारत छोड़ ही दो तुम,
जनेऊ और तिलकधारी कभी टोपी की नौटंकी
धर्म के नाम पर करनी सियासत छोड़ ही दो तुम “
” खुदा से डर नहीं है तो इबादत छोड़ ही दो तुम,
हटा लो तख्त से नज़रे शरारत छोड़ ही दो तुम,
जनेऊ और तिलकधारी कभी टोपी की नौटंकी
धर्म के नाम पर करनी सियासत छोड़ ही दो तुम “