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31 Aug 2021 · 1 min read

मुक्तक

बुलंदी पर पहुँचने के बहुत अरमान बाक़ी है,
धड़कन दिल की है जारी अभी भी जान बाक़ी है,
उसूलों पर भी चलकर के मंज़िल तक पहुँच जाते
हैं सच्चे लोग कुछ जिनमें अभी ईमान बाक़ी है,,

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 452 Views

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