मुक्तक
हमें करने दो हमारे हिस्से की गलतियां,
मैं खुद से गिरना सम्भलना चाहता हूँ।।
***
देखना… तेरे दोस्तों के काफिले में मतलबी कितने हैं,
जरुरत पड़ने पर काफिले नजर नहीं आने
वाले।।
हमें करने दो हमारे हिस्से की गलतियां,
मैं खुद से गिरना सम्भलना चाहता हूँ।।
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देखना… तेरे दोस्तों के काफिले में मतलबी कितने हैं,
जरुरत पड़ने पर काफिले नजर नहीं आने
वाले।।