मुक्तक
मुक्तक
1.
जब तेरे प्रयास , तेरी मंजिल का हमसफ़र होने लगें
जब तेरी सफलता के, सकारात्मक प्रभाव दिखने लगें |
जब तेरे प्रयास , दूसरों का मार्गदर्शन करने लगें
तब समझ लेना ,तुम सही दिशा की ओर अग्रसर हो ||
2.
जब दूसरों की पीर का दर्द, तेरी आत्मा महसूस करने लगे
जब दूसरों की राह के कांटे , तुझे नश्तर सा महसूस होने लगें |
जब किसी गिरते को देख , उसे संभालने को तेरे कदम आतुर होने लगें
तब समझ लेना, तुम इंसानियत की राह पर अग्रसर हो ||