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2 Jul 2021 · 1 min read

मुक्तक

1
आंसुओं की भी होती है अपनी जुबां
बहते हैं तो दिल की गहराइयों तक
संवेदनाओं का एक ज्वार – भाटा सा
स्वयं ही एहसास जगा देता है

2
एक लम्हा ख़ुशी से
लबालब जिन्दगी
खुशियों का समंदर रोशन कर
जिन्दगी को और भी हसीं बना देती है

3
समय की रेखा पर बदलती नारी
कुंठा के पिंजरे से बाहर आ
स्वयं को हौसलों और उम्मीदों से पोषित कर
बिखेरने लगी है जीवन में खुशियाँ

4
उम्मीदों की सतरंगी किरणें
हौसला ज़माने को बदल देने का
और इरादा आसमां छू लेने का
काफी है खुला आसमां पाने के लिए

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 303 Views
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