मुक्तक
जिसे आंखें सदा देखें तुम ऐसे चित्र हो जाओ
महक जाए ये जग सारा तुम ऐसे इत्र हो जाओ
खुदा भी ना थके करते खुशामद आपकी साकी
दगा दे ना कभी जो आप ऐसे मित्र हो जाओ
✍️ देव त्रिपाठी ?
जिसे आंखें सदा देखें तुम ऐसे चित्र हो जाओ
महक जाए ये जग सारा तुम ऐसे इत्र हो जाओ
खुदा भी ना थके करते खुशामद आपकी साकी
दगा दे ना कभी जो आप ऐसे मित्र हो जाओ
✍️ देव त्रिपाठी ?