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19 Jun 2021 · 1 min read

मुक्तक

दुख दर्द का ये मंजर ना आस पास होता
गर आपके जिगर में कोई लिहाज होता
लव आज भी हमारा बेदाग बना रहता
ना तू उदास होती ना मैं उदास होता।
✍️देव त्रिपाठी

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 349 Views
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