Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2021 · 1 min read

मुक्तक

बार में लगने लगे हैं मेले
डिस्को थिरकने लगे हैं
हर जगह हर शहर
जाने कहाँ रुकेगा यह सफ़र

**********************************

बारिश की बूंदों से मिलती है राहत तन को , मन को
उसी तरह , जिस तरह
जल की खोज में पक्षी विचरते हैं
दो बूंदों के आचमन के लिए

???????????????????????????????

मालूम नहीं इस धरा पर
क्या अच्छा किया मैंने
इसी कोशिश में कर्म्पूर्ण जीवन
जिए जा रहा हूँ में

}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}}

मानव होकर , जीवों की भांति
इस धरा पर , विचार रहा हूँ
कुछ खोजने की चाह में
है जो एक विषम प्रश्न

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
Rj Anand Prajapati
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
शेखर सिंह
सांसों से आईने पर क्या लिखते हो।
सांसों से आईने पर क्या लिखते हो।
Taj Mohammad
प्रेम.... मन
प्रेम.... मन
Neeraj Agarwal
गुरूर चाँद का
गुरूर चाँद का
Satish Srijan
वक़्त के वो निशाँ है
वक़्त के वो निशाँ है
Atul "Krishn"
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
माँ महागौरी है नमन
माँ महागौरी है नमन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मन अलग चलता है, मेरे साथ नहीं,
मन अलग चलता है, मेरे साथ नहीं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
4573.*पूर्णिका*
4573.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
संवेदनाएं जिंदा रखो
संवेदनाएं जिंदा रखो
नेताम आर सी
!! शब्द !!
!! शब्द !!
Akash Yadav
हममें आ जायेंगी बंदिशे
हममें आ जायेंगी बंदिशे
Pratibha Pandey
टुकड़े -टुकड़े हो गए,
टुकड़े -टुकड़े हो गए,
sushil sarna
"अमीर"
Dr. Kishan tandon kranti
अब क्या करे?
अब क्या करे?
Madhuyanka Raj
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
Shweta Soni
बदले में
बदले में
Dr fauzia Naseem shad
*जो मिले भाग्य से जीवन में, वरदान समझ कर स्वीकारो (राधेश्याम
*जो मिले भाग्य से जीवन में, वरदान समझ कर स्वीकारो (राधेश्याम
Ravi Prakash
बाण मां री महिमां
बाण मां री महिमां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
Acharya Rama Nand Mandal
क्षमा करें तुफैलजी! + रमेशराज
क्षमा करें तुफैलजी! + रमेशराज
कवि रमेशराज
🙅पता लगाओ🙅
🙅पता लगाओ🙅
*प्रणय प्रभात*
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
पूर्वार्थ
**आजकल के रिश्ते*
**आजकल के रिश्ते*
Harminder Kaur
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
Sonam Puneet Dubey
Loading...