मुक्तक
तेरी खातिर हुए बदनाम हम तो इस जमाने में।
सही हैं दिक्कतें कितनी तुम्हारा प्यार पाने में।
मगर समझा नही तुमने हमारे दिल कि धड़कन को,
लगे हो आज मुझको अब जहाँ से तुम मिटाने में।
अदम्य
तेरी खातिर हुए बदनाम हम तो इस जमाने में।
सही हैं दिक्कतें कितनी तुम्हारा प्यार पाने में।
मगर समझा नही तुमने हमारे दिल कि धड़कन को,
लगे हो आज मुझको अब जहाँ से तुम मिटाने में।
अदम्य