मुक्तक
नदी बेच दूँगा, नहर बेच दूँगा,
मिले जो इजाजत, नजर बेच दूँगा।
इरादे वफा पे यकीं कर के देखो,
तुम्हारे लिए हर शहर बेच दूँगा।
✍️जटाशंकर”जटा”
०२-०२-२०२१
नदी बेच दूँगा, नहर बेच दूँगा,
मिले जो इजाजत, नजर बेच दूँगा।
इरादे वफा पे यकीं कर के देखो,
तुम्हारे लिए हर शहर बेच दूँगा।
✍️जटाशंकर”जटा”
०२-०२-२०२१