मुक्तक
अपनी कोशिशों का यूंही सिलसिला रखना
मंज़िल पाओगे एक दिन बस हौंसला रखना
ये नफरतें भी मोहब्बत में बदलकर आएंगी
अपने दिल का दरवाज़ा हमेशा खुला रखना
अपनी कोशिशों का यूंही सिलसिला रखना
मंज़िल पाओगे एक दिन बस हौंसला रखना
ये नफरतें भी मोहब्बत में बदलकर आएंगी
अपने दिल का दरवाज़ा हमेशा खुला रखना