मुक्तक
कभी कभी रिश्ते बेगाने नजर आते हैं!
कभी ख्वाब अपने अनजाने नजर आते हैं!
तूफान जब उतरते हैं साँसों में दर्द के,
शामे-आलम में पैमाने नजर आते हैं!
#महादेव_की_कविताऐं’
कभी कभी रिश्ते बेगाने नजर आते हैं!
कभी ख्वाब अपने अनजाने नजर आते हैं!
तूफान जब उतरते हैं साँसों में दर्द के,
शामे-आलम में पैमाने नजर आते हैं!
#महादेव_की_कविताऐं’