मुक्तक
धन्य है यहाँ की माटी जिसकी सेवा में मिला आनन्द,
भारतीय संस्कृति पुजारी विदेशियों के न थे पाबंद।
शिकागो धर्म संसद में मानवता का संदेश थ दिया,
युवा वर्ग के प्रेरणा स्रोत हो अमर नमन विवेकानंद।।
–अशोक छाबडा
धन्य है यहाँ की माटी जिसकी सेवा में मिला आनन्द,
भारतीय संस्कृति पुजारी विदेशियों के न थे पाबंद।
शिकागो धर्म संसद में मानवता का संदेश थ दिया,
युवा वर्ग के प्रेरणा स्रोत हो अमर नमन विवेकानंद।।
–अशोक छाबडा