मुक्तक
तेरी चाहत मेरी आजमाइश सी है!
मेरी जिन्द़गी की एक नुमाइश सी है!
शाम भी रोती है तन्हाई में अक्सर,
रात गमे-जुदाई की फरमाइश सी है!
#महादेव_की_कविताऐं'(23)
तेरी चाहत मेरी आजमाइश सी है!
मेरी जिन्द़गी की एक नुमाइश सी है!
शाम भी रोती है तन्हाई में अक्सर,
रात गमे-जुदाई की फरमाइश सी है!
#महादेव_की_कविताऐं'(23)