मुक्तक
मेरा दिल मेरी धडकन भी मेरी है जान तिरंगा,
मेरी पहली और आखिरी भी है अरमान तिरंगा।
हर पल जीऊ बस मैं अपने प्यारे भारत की खातिर,
भले मै न रहूँ रहे सलामत है मेरी आन तिरंगा।।
–अशोक छाबडा कवि गुरूग्राम।
मेरा दिल मेरी धडकन भी मेरी है जान तिरंगा,
मेरी पहली और आखिरी भी है अरमान तिरंगा।
हर पल जीऊ बस मैं अपने प्यारे भारत की खातिर,
भले मै न रहूँ रहे सलामत है मेरी आन तिरंगा।।
–अशोक छाबडा कवि गुरूग्राम।