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19 Dec 2020 · 1 min read

मुक्तक

दिल ये मेरा झूम उठा है तबियत हुई हरी भरी
आजादी का पर्व आया छलके अमृत की गगरी।
गणतंत्र दिवस कहलाया तिरंगा हम फहरायेगे
गंगाजल- सा पावन मानो दिन ये छब्बीस जनवरी।।

–अशोक छाबडा

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 264 Views
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