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11 Sep 2020 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

चिलचिलाती धूप में भी मांगते है भीख वो ।
जीवन यापन के लिए आज हुए मजबूर वो ।
जिंदगी की जंग को लड़ते रहते वो सदा,
आंख से आंसू है निकले देख ऐसे दृश्य को ।

अभिनव मिश्र
( शाहजहांपुर )

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 292 Views
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