मुक्तक
भोपाल म.प्र. ◆◆
मिटा के हाल दिल का पूछ लिया करते हैं
बाह कंधो पे रख के लूट लिया करते हैं
कितने जालिम है मुसाफिर ये जमानें वाले
कत्ल इंसान का किश्तों में किया करते हैं
◆◆{
भोपाल म.प्र. ◆◆
मिटा के हाल दिल का पूछ लिया करते हैं
बाह कंधो पे रख के लूट लिया करते हैं
कितने जालिम है मुसाफिर ये जमानें वाले
कत्ल इंसान का किश्तों में किया करते हैं
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