मुक्तक
खुशियों को चूम कर उठाओ, खुशी से फिर झूम जाओ
दुखों को झटक कर बिठाओ, दुखी मन को ठेंगा दिखाओ
~ सिद्धार्थ
2.
हिचकी हिचकती हुई आई तो थी
लगा उसने याद से
याद करके मुझे गाली दिया होगा
~ सिद्धार्थ
3..
?
गोली की तरह दिल के पेट में उतर जाती हो …
मर्ज कोई भी हो सुकून प्यार वाला दे जाती हो …
?☺️?
~ सिद्धार्थ