मुक्तक
पलकों तले दबाकर आँसू, ग़म को पीना सीख लिया,
खामोशी के धागे से, होठों को सीना सीख लिया।
टूटे दिल का दर्द जरा भी दिख न पाए चेहरे पे,
सतरंगी दुनिया में हमने ऐसे जीना सीख लिया।।
✍️विपिन शर्मा
पलकों तले दबाकर आँसू, ग़म को पीना सीख लिया,
खामोशी के धागे से, होठों को सीना सीख लिया।
टूटे दिल का दर्द जरा भी दिख न पाए चेहरे पे,
सतरंगी दुनिया में हमने ऐसे जीना सीख लिया।।
✍️विपिन शर्मा