मुक्तक
प्यार कर तू प्यार कर ये जाँ वतन पे वार कर,
माँ भारती के शत्रुओं पे सिंह सा प्रहार कर,
उखाड़ दे भुजा ही जो वतन की आन लूटती
खौंफ को भी खौंफ हो यूँ शत्रु का संहार कर
प्यार कर तू प्यार कर ये जाँ वतन पे वार कर,
माँ भारती के शत्रुओं पे सिंह सा प्रहार कर,
उखाड़ दे भुजा ही जो वतन की आन लूटती
खौंफ को भी खौंफ हो यूँ शत्रु का संहार कर