मुक्तक
ये कौन है जो कहता है
जिस्म की दहलीज पे सजदे में झुक रहा हूं मैं
मांगने को हाथ न उठे बस इस लिए
शब ए जिस्त में मजदूरी कर रहा हूं मैं
~ सिद्धार्थ
ये कौन है जो कहता है
जिस्म की दहलीज पे सजदे में झुक रहा हूं मैं
मांगने को हाथ न उठे बस इस लिए
शब ए जिस्त में मजदूरी कर रहा हूं मैं
~ सिद्धार्थ