मुक्तक
जो मेहनत करके खाये वो मजदूर हैं
जो लेखनी चलाये कबीर, तुलसी,सूर है
पसीना बहाया ईमानदार ,मेहनती कहलाया
जो खून खराबा कराते वो मलिक काफूर है
नूरफातिमा खातून” नूरी”
2/5/2020
जो मेहनत करके खाये वो मजदूर हैं
जो लेखनी चलाये कबीर, तुलसी,सूर है
पसीना बहाया ईमानदार ,मेहनती कहलाया
जो खून खराबा कराते वो मलिक काफूर है
नूरफातिमा खातून” नूरी”
2/5/2020