मुक्तक
नहीं बस में तकदीर किसी के
की तरह के रंग है जिन्दगी के
दिल बेचैन हो तो कहीं करार नहीं
ऐसे भी वक्त आते हैं बेबसी के
नूरफातिमा खातून “नूरी”
१२/४/२०२०
नहीं बस में तकदीर किसी के
की तरह के रंग है जिन्दगी के
दिल बेचैन हो तो कहीं करार नहीं
ऐसे भी वक्त आते हैं बेबसी के
नूरफातिमा खातून “नूरी”
१२/४/२०२०