मुक्तक
यादों में यूं घर तुम न बनाया करो
घर की दीवारें उदास होंगी
कभी घर का भी दौरा कर आया करो
वो जो उसका एक ख्याल टांग रखा है
छत के झूमर से
आए गर वो तो उसे भी जरा बजा जाया करो
~ सिद्धार्थ
यादों में यूं घर तुम न बनाया करो
घर की दीवारें उदास होंगी
कभी घर का भी दौरा कर आया करो
वो जो उसका एक ख्याल टांग रखा है
छत के झूमर से
आए गर वो तो उसे भी जरा बजा जाया करो
~ सिद्धार्थ