मुक्तक
आप जबसे मिले ज़िन्दगी बन गयी।
दूर दुनिया से हर बन्दगी बन गयी।।
पहले भी जिस समन्दर में डूबी रही,
आयी बाहर तो प्यासी नदी बन गयी।।
✍?*’रोली’* शुक्ला
आप जबसे मिले ज़िन्दगी बन गयी।
दूर दुनिया से हर बन्दगी बन गयी।।
पहले भी जिस समन्दर में डूबी रही,
आयी बाहर तो प्यासी नदी बन गयी।।
✍?*’रोली’* शुक्ला