मुक्तक
है चाहत उस मुकाम की जहाँ कोई कमी न हो!
ख्वाब हों पलकों में कोई अश्कों की नमी न हो!
इसतरह से फैली हो जहाँ रोशनी ख्यालों में,
सरहदें हों सुख की कोई दुख की सरजमीं न हो!
#महादेव_की_कविताऐं’
है चाहत उस मुकाम की जहाँ कोई कमी न हो!
ख्वाब हों पलकों में कोई अश्कों की नमी न हो!
इसतरह से फैली हो जहाँ रोशनी ख्यालों में,
सरहदें हों सुख की कोई दुख की सरजमीं न हो!
#महादेव_की_कविताऐं’