मुक्तक
पागलों की बस्ती से पागल हुए बिना कैसे निकल पाओगे
दिल मेरा किसी और का घर हुआ है
किसी और के घर में किस तरह तुम रह पाओगे
~ सिद्धार्थ
पागलों की बस्ती से पागल हुए बिना कैसे निकल पाओगे
दिल मेरा किसी और का घर हुआ है
किसी और के घर में किस तरह तुम रह पाओगे
~ सिद्धार्थ