मुक्तक
मैं रंग तुझे दे दूं, तू नूर उसे दे
ये दिल्ली चल अब मुझे दूर जाने दे
वो लौट कर जो लगे… सीने से तेरे
तेरी गलियों में तलाशी मेरी भरपूर होने दे
~ सिद्धार्थ
मैं रंग तुझे दे दूं, तू नूर उसे दे
ये दिल्ली चल अब मुझे दूर जाने दे
वो लौट कर जो लगे… सीने से तेरे
तेरी गलियों में तलाशी मेरी भरपूर होने दे
~ सिद्धार्थ